Indian Railway Rule नई दिल्ली । भारतीय रेल को देश की जीवन रेखा कहा जाता है। ट्रेन के सहारे हर दिन लाखों लोग अपना काम कर रहे हैं। रेल एक ऐसे आम आदमी की जरूरत है, जिसके 10 मिनट भी कहीं रुकने से कई जगह लोगों को परेशानी होती है। तो सोचिए अगर आपकी एक छोटी सी गलती से यह जीवन रेखा प्रभावित हो जाए तो आपको कितनी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल ट्रेन में एक इमरजेंसी चेन होती है, जिसे खींचकर ट्रेन रुक जाती है।
यह आपातकालीन श्रृंखला क्या है?
आपात स्थिति में चलती ट्रेन को रोकने के लिए प्रत्येक बोगी में एक चेन लगाई जाती है, जो खींचने पर ट्रेन को रोक देती है। लेकिन कई बार देखा जाता है कि लोग बिना किसी इमरजेंसी के चेन खींच लेते हैं। लोगों की अनजाने में हुई गलती पूरे रेल नेटवर्क को प्रभावित करती है, इसलिए इसे रोकने के लिए कुछ सख्त नियम भी बनाए गए हैं।
क्या कहता है रेलवे का नियम?
रेलवे का कहना है कि बिना किसी इमरजेंसी के चेन खींचना कानूनी अपराध है। इस नियम का उल्लंघन करने पर आपको सजा या जुर्माना हो सकता है। रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत, यदि कोई यात्री बिना किसी उचित और पर्याप्त कारण के अलार्म की चेन खींचता है, तो उस व्यक्ति पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है, या किसी एक अवधि के लिए कारावास जो एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, के लिए उत्तरदायी होगा। या दोनों के साथ।
जब कोई अपराध होता है तो आप जंजीर क्यों नहीं हटा देते?
ऐसे में अगर आपके मन में भी ऐसा सवाल आ रहा है कि जब इतना गलत है तो यह चेन क्यों लगाई गई है। या क्या तरीका है जब आप जंजीर खींचते हैं और आप पर कार्रवाई नहीं होती है, तो इसका जवाब भी है। आइए जानते हैं किन परिस्थितियों में आप ट्रेन की चेन खींच सकते हैं?
इन शर्तों के तहत ट्रेन में चेन खींचने की अनुमति है
यदि कोई सह-यात्री, जिसकी आयु 60 वर्ष से अधिक है या कोई बच्चा छूट जाता है और ट्रेन चलने लगती है।
ट्रेन में आग लग जाती है
(1) बुजुर्ग या विकलांग व्यक्ति को ट्रेन में चढ़ने और ट्रेन को चलने देने में समय लग रहा है।
(2) अचानक बोगी में कोई बीमार हो जाता है (स्ट्रोक या हार्ट अटैक)।
(3) ट्रेन में चोरी या डकैती की घटना होनी चाहिए।
(4) ये जानना भी जरूरी है।
(5) इतना जानने के साथ-साथ यह जानना भी जरूरी है कि चेन खींचने पर ट्रेन कैसे रुकती है? दरअसल ट्रेन की चेन ट्रेन के मेन ब्रेक पाइप से जुड़ी होती है। इन पाइपों के बीच वायुदाब बना रहता है। लेकिन जैसे ही जंजीर खींची जाती है यह हवा बाहर आ जाती है। हवा के दबाव में इस कमी के कारण ट्रेन की गति धीमी हो जाती है, जिसके बाद लोको पायलट तीन बार हॉर्न बजाकर ट्रेन को रोक देता है। इस प्रक्रिया में कुछ समय लगता है।